Media Coverage

गीतांजली हॉस्पिटल में जटिल ऑपरेशन से माँ और नवजात को नया जीवन

गीतांजली हॉस्पिटल में जटिल ऑपरेशन से माँ और नवजात को नया जीवन

भीलवाड़ा निवासी एक दंपत्ति ने गंभीर स्वास्थ्य स्थिति के चलते गीतांजली हॉस्पिटल में संपर्क किया। गर्भवती महिला का रक्तचाप 220/160 तक पहुँच गया था, जिसके कारण स्थानीय डॉक्टरों ने तुरंत गीतांजली हॉस्पिटल में उपचार की सलाह दी। यहाँ पहुँचने पर विशेषज्ञ डॉक्टरों ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तत्काल ऑपरेशन करने का निर्णय लिया।

रोगी का इलाज करने वाली टीम में पीडियाट्रिक सर्जन डॉ अपूर्व सिंह, नेओनेटोलोजिस्ट डॉ सुशील गुप्ता, प्रसूति व स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ भामिनी जाखेटिया, एनेस्थीसिया टीम, ओ.टी. व एनआईसीयू स्टाफ के अनवरत प्रयासों से जच्चा व बच्चा का इलाज किया गया|

डॉ. भामिनी जाखेटिया ने बताया कि महिला के गर्भ को 7 माह पूरे हो चुके थे, लेकिन अत्यधिक बढ़े हुए रक्तचाप के कारण कई गंभीर जटिलताएँ उत्पन्न हो गई थीं। रोगी असहनीय सिरदर्द से पीड़ित थी, जो बढ़े हुए रक्तचाप का परिणाम था। महिला की स्थिति को ध्यान में रखते हुए आपातकालीन ऑपरेशन किया गया। यह ऑपरेशन माँ और नवजात, दोनों के लिए अत्यधिक जोखिमपूर्ण था, लेकिन इसे सफलतापूर्वक पूरा किया गया।

जन्म के बाद नवजात का वजन मात्र 900 ग्राम था और उसे तुरंत वेंटिलेटर पर रखा गया। नवजात विशेषज्ञ डॉ. सुशील गुप्ता और उनकी टीम ने बच्चे का उपचार प्रारंभ किया। जन्म के एक सप्ताह बाद नवजात को पेट संबंधी समस्याएँ उत्पन्न हुईं। जाँच में यह पाया गया कि बच्चे को 'मेकोनियम आइलस' नामक बीमारी है, जिसमें मल सख्त हो जाता है और उसका निष्कासन संभव नहीं होता। पीडियाट्रिक सर्जन डॉ. अपूर्व ने बच्चे की आंत में सर्जरी कर अवरोध को दूर किया और पेट में स्तोमा बनाकर एनआईसीयू में उसकी देखभाल की। चूँकि बच्चा बहुत कम वजन का था, उसे एनआईसीयू में स्टोमा फीड्स के जरिए पोषण दिया गया। जब बच्चे का वजन 2.5 किलो हो गया, तब डॉ. अपूर्व की टीम ने स्टोमा बंद करने के लिए दूसरी सफल सर्जरी की गयी।

डॉ. सुशील गुप्ता के नेतृत्व में बच्चे का पोस्ट ऑपरेटिव उपचार किया गया। नवजात को संपूर्ण पोषण प्रदान किया गया, और उसकी आँखों, कानों, मस्तिष्क तथा अन्य अंगों का परीक्षण किया गया। वर्तमान में बच्चा स्वस्थ है, माँ का दूध ले रहा है और उसका वजन भी बढ़ रहा है।

दस वर्षों के लंबे इंतजार के बाद माता-पिता बनने वाले दंपत्ति ने गीतांजली हॉस्पिटल के डॉक्टरों और स्टाफ का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है। गीतांजली हॉस्पिटल का बाल एवं शिशु रोग विभाग, नवजात से लेकर बड़े बच्चों तक की जटिल से जटिल सर्जरी के लिए सक्षम है। यहाँ एनआईसीयू और पीआईसीयू की अत्याधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध हैं, जो रोगियों को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करती हैं।


New life given to mother and newborn after complicated operation in Geetanjali Hospital