गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, उदयपुर में ‘एंटीबायोटिक अवेयरनेस वीक’ का आयोजन किया गया| कार्यक्रम के प्रारंभ में मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी के विद्याथियों द्वारा नाटक प्रस्तुत किया गया जिसका शीर्षक था “द फ़्यूचर ओफ़ एंटीबायोटिक्स डिपेंड्स ओन अस”” इस नाटक के दौरान सही समय पर, सही एंटीबायोटिक का इस्तेमाल, कितना आवश्यक है इसके बारे में जानकारी प्रदान की गयी|
कार्यक्रम का संचालन हॉस्पिटल इन्फेक्शन कंट्रोल कमिटी (एच.आई.सी.सी) से डॉ.उपसना भूम्बला, असिस्टेंट प्रोफेसर माइक्रोबायोलॉजी, एवं डॉ. ऐ.एस. दलाल, एच.ओ.डी. माइक्रोबायोलॉजी द्वारा किया गया| कार्क्रम के दौरान पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया जिसका विषय था “एंटीबायोटिक प्रतिरोध से लड़ना: आपके हाथों में है”| इसमें विशेषज्ञ डॉ. एफ. एस. मेहता (डीन एवं जनरल सर्जन), डॉ. संजय गांधी (कार्डियक सर्जन), डॉ. उदय भौमिक (न्यूरो सर्जन), डॉ. शुभकरण शर्मा (इन्वेंट्विस्ट, आई.सी.यू इंचार्ज) डॉ. अमित गुप्ता (पल्मोनोलॉजिस्ट) शामिल थे|
· एंटीमाइक्रोबॉयल रेजिस्टेंस (AMR) से किस तरह से बचा जा सकता है|
· एंटीबायोटिक की डोज़ रोकथाम के लिए दी जाती है ट्रीटमेंट के लिए नहीं|
· शरीर के वजन के हिसाब से किस तरह एंटीबायोटिक डोज़ दी जाती है|
· सही समय पर सही डोज़ का चयन कितना आवश्यक है|
· छोटी बीमारियों में एंटीबायोटिक का इस्तेमाल ना करना|
कार्यक्रम में गीतांजली के सभी विशेष चिकित्सक, डॉ. नरेन्द्र मोगरा, मेडिकल सुपरिन्टेन्डेन्ट, प्रतीम तम्बोली, सी.इ.ओ भी उपस्थित रहे|