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नीमचवासी 39 वर्षीय महिला रोगी की छाती में जन्मजात गाँठ का बिना ऑपरेशन सफल इलाज

नीमचवासी 39 वर्षीय महिला रोगी की छाती में जन्मजात गाँठ का बिना ऑपरेशन सफल इलाज

गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, उदयपुर का गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग सभी विश्वस्तरीय सुविधाओं से लेस है| यहाँ निरंतर रूप से जटिल से जटिल ऑपरेशन व इलाज कर रोगियों को नया जीवन दिया जा रहा है| गीतांजली हॉस्पिटल के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. पंकज गुप्ता, डॉ. धवल व्यास, डॉ. मनीष डोडमानी, गैस्ट्रो सर्जरी विभाग से सर्जन डॉ. कमल किशोर बिश्नोई के अथक प्रयासों से नीमच निवासी 39 वर्षीय महिला रोगी को सफलतापूर्वक इलाज कर उसे नया जीवन प्रदान किया गया|

क्या था मसला:
डॉ. पंकज ने जानकारी देते हुए बताया कि रोगी की छाती में जन्म जात पानी की गांठ थी जिसका आकार 4x5 सेंटीमीटर था| इस तरह की गाँठ होने पर प्रायः 5 साल की उम्र तक लक्षण दिख जाते हैं| इस रोगी की उम्र 39 वर्ष को चुकी है और साथ की छाती के जिस हिस्से में जन्मजात गाँठ थी उसकी पहचान कर पाना अपने आप में एक चुनौती से कम नही था क्यूंकि ये गाँठ रोगी की छाती में थी जहां भोजन नली, सांस की नली एवं ह्रदय की मुख्य नली एओर्टा के मध्य थी| रोगी की गाँठ कैंसर की नही थी परन्तु पानी भरा होने के कारण ये सभी नाड़ियों को संकुचित कर रही थी| रोगी को जब छाती में दर्द हुआ एवं खाना खाने में दिक्कत होने लगी तो उसे हॉस्पिटल दिखाया गया| गीतांजली हॉस्पिटल आने पर रोगी की एंडोस्कोपी की गयी एवं पानी की भरी गाँठ को भोजन नली से एंडोस्कोप के द्वारा ही चीरा लगाकर पानी को बाहर निकाल दिया गया| प्रायः इस तरह की गंभीर समस्या होने पर ह्रदय शल्य चिकत्सकों द्वारा रोगी का ऑपरेशन किया जाता है जो कि चुनौतीपूर्ण रहता है| ऐसे में रोगी को बिना बेहोश किये गाँठ का पानी निकाल दिया गया एवं दो दिन पश्चात् रोगी की जांच की गयी जिसमे किसी भी तरह की गाँठ नही पायी गयी|

रोगी ने बताया कि वह पिछले दो माह से कई निजी हॉस्पिटल एवं मेडिकल कॉलेज में जा कर थक चुकी थी परन्तु उसे किसी ने भी इस तकलीफ से निजात पाने का कोई सुझाव नहीं मिला |

अन्य निजी हॉस्पिटल के सर्जन द्वारा रोगी को गीतांजली हॉस्पिटल भेजा गया | यहाँ आने पर रोगी का उचित मार्गदर्शन किया गया एवं सफल इलाज किया गया|

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गीतांजली मेडिसिटी पिछले 14 वर्षों से सतत् रूप से मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के रूप में परिपक्व होकर चुर्मुखी चिकित्सा सेंटर बन चुका है| यहाँ एक ही छत के नीचे जटिल से जटिल ऑपरेशन एवं प्रक्रियाएं निरंतर रूप से कुशल डॉक्टर्स द्वारा की जा रही है| गीतांजली के गैसट्रो विभाग की कुशल टीम के निर्णयानुसार रोगियों का सर्वोत्तम इलाज निरंतर रूप से किया जा रहा है जोकि उत्कृष्टता का परिचायक है|